Saturday, August 1, 2009

अलबेले कवि

तुम नीचे हम ऊपर "
ये क्या है जी ?
ये कविता है
कविता ?
तुम नही समझोगे ,तुम ठहरे गंवई,कभी टी वी देखा है .वहां हमारी इसी कविता पे तालिया बजती है
मगर ?
खामोश ,जानते हो हम कौन है .नही ये विडियो देखो .
सुबह से जबरदस्ती के विडियो के कई शो चालू है .बिना दर्शको की परवाह के .



एक बात ओर इन कवि की कविता पे बारह लाइनों की वाह वाही सबसे पहले किसने की थी आप जानते है ?जाने दीजिये फ़िर कहेगे हम उनके पीछे पड़े है .