मेरी सौंवी पोस्ट है
मेरी कविता शाम के अखबार में छपी मुझे बधाई दे
ब्लॉग जगत में १२० दिन पूरे
कुतुबमीनार कहाँ है पहेली के प्रथम विजेता है
पिछले तीन साल के ब्लॉग के सबसे बड़े ,बीच के ,उससे छोटे लेखक की घोषणा की जायेगी इच्छुक व्यक्ति आवेदन करे
कश्मीर में हालात के लिए मेरा दुश्मन ब्लोगर जिम्मेदार है
ब्लोगिंग को अलविदा
पच्चीसवा ब्लोगर सम्मलेन भी सफल
हीरालाल ,बनवारी लाल ओर बांके लाल सर्वश्रेष्ट ब्लोगर
Thursday, July 15, 2010
Saturday, August 1, 2009
अलबेले कवि
तुम नीचे हम ऊपर "
ये क्या है जी ?
ये कविता है
कविता ?
तुम नही समझोगे ,तुम ठहरे गंवई,कभी टी वी देखा है .वहां हमारी इसी कविता पे तालिया बजती है
मगर ?
खामोश ,जानते हो हम कौन है .नही ये विडियो देखो .
सुबह से जबरदस्ती के विडियो के कई शो चालू है .बिना दर्शको की परवाह के .
एक बात ओर इन कवि की कविता पे बारह लाइनों की वाह वाही सबसे पहले किसने की थी आप जानते है ?जाने दीजिये फ़िर कहेगे हम उनके पीछे पड़े है .
ये क्या है जी ?
ये कविता है
कविता ?
तुम नही समझोगे ,तुम ठहरे गंवई,कभी टी वी देखा है .वहां हमारी इसी कविता पे तालिया बजती है
मगर ?
खामोश ,जानते हो हम कौन है .नही ये विडियो देखो .
सुबह से जबरदस्ती के विडियो के कई शो चालू है .बिना दर्शको की परवाह के .
एक बात ओर इन कवि की कविता पे बारह लाइनों की वाह वाही सबसे पहले किसने की थी आप जानते है ?जाने दीजिये फ़िर कहेगे हम उनके पीछे पड़े है .
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